'झीरम' केस की सुनवाई कर रहे जज को धमकी

गुरुवार, 27 अगस्त 2015 (17:22 IST)
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में झीरम घाटी नक्सली हमला मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को जान से मारने की धमकी दी गई है। हालांकि यह धमकी उन्हें तलाक के एक मामले के संबंध में दी गई है।
 
बिलासपुर जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश और झीरम नक्सली हमले के मामले में एनआईए के विशेष जज महादेव कातुलकर को जान से मारने की धमकी मिली है। न्यायाधीश ने सिविल लाइन थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
 
न्यायाधीश ने नक्सली मामले में मिली धमकी का जिक्र अपनी अदालती कार्यवाही में किया है। इससे पहले 12 जून को भी जज के निवास पर सुतली बम से विस्फोट कर धमकीभरा नक्सली परचा फेंककर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी।
 
बिलासपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पवन देव ने बताया कि कातुलकर को सोमवार रात किसी ने मोबाइल पर एसएमएस भेजकर जान से मारने की धमकी दी है। धमकी देने वाले ने कातुलकर की अदालत में चल रहे तलाक के एक मामले में अपने पक्ष में फैसला नहीं देने पर परिणाम भुगतने का संदेश भेजा है।
 
जज की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में सीआरपीसी की धारा 189 , 66 (क) आईटी कानून और आईपीसी की धारा 506, 507 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस मामले में तत्परता से जांच कर रही है। 
 
देव ने स्पष्ट किया कि जज को तलाक मामले में धमकी देने की शिकायत ही पुलिस के समक्ष आई है जिसकी जांच जारी है।
 
उन्होंने आगे बताया कि गत 12 जून को कथित माओवादियों की ओर से सुतली बम से विस्फोट और धमकीभरा परचा फेंकने के मामले की भी बारीकी से जांच की जा रही है तथा इसी मामले में अगर कोई और शिकायत दर्ज की जाती है तो उसे भी जांच के दायरे में शामिल किया जाएगा। 
 
दूसरी तरफ एनआईए के वकील धनसिंह सोलंकी ने बताया है कि एनआईए के विशेष जज कातुलकर झीरम मामले की सुनवाई कर रहे हैं। प्रकरण की सुनवाई से पूर्व उन्हें माओवादियों की ओर से एक धमकीभरा पत्र मिला है। 
 
सोलंकी ने बताया कि न्यायाधीश ने 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान लाल सलाम लिखे उस धमकीभरे पत्र को एनआईए के वकीलों तथा माओवादियों की ओर से पैरवी कर रहे वकील जीपी कौशिक की उपस्थिति में अदालती कार्यवाही में शामिल कर लिया है। झीरम मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। (भाषा)

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