कमीशन लेने के बयान पर मांझी फंसे मुसीबत में

शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015 (17:04 IST)
पटना। विकास परियोजनाओं में ‘कमीशन’ लेने संबंधी बयान को लेकर पैदा हंगामे के बीच बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से यह बात कही थी और उनके कहने का मतलब यह था कि इतने ऊंचे पद तक पैसा चलता है लेकिन इसका यह आशय नहीं था कि वे वास्तव में धन ले रहे थे।

लेकिन मांझी की इस टिप्पणी को लेकर वे मुसीबत में फंस गए दिखते हैं। जनता दल यू विधायक और पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रदेश पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर कमीशन लेने की बात स्वीकार करने के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।

डीजीपी को लिखे अपने पत्र का ब्योरा देते हुए नीरज कुमार ने बताया कि मैंने डीजीपी पीके ठाकुर को एक पत्र लिखा है कि मांझी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1989 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। यह एक स्वीकारोक्ति वाला बयान है और मामले को कानूनी कार्रवाई के लिए अदालत में भेजा जाए।

मांझी ने गुरुवार को एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि इंजीनियर और टेक्नोक्रेट पुलिस निर्माण परियोजनाओं की लागत बढ़ाने के आदी हैं और वे कुछ हिस्सा ठेकेदारों को और कुछ मुझ तक को देते हैं।

शुक्रवार दोपहर बाद जब मीडियाकर्मियों ने उनसे जानना चाहा कि वे कितना ‘कमीशन’ लेते थे तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बात को समझाने के लिए प्रतीकात्मक तरीके से अपनी बात रखी थी कि पैसा इतने ऊंचे स्तर तक आता है लेकिन वास्तव में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में पैसा नहीं बनाया। (भाषा)

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