उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि उसकी योजना गणेश चतुर्थी पर किसी बड़े हमले को अंजाम देने की थी और हिज्बुल मुजाहिदीन ने इसे रेकी करने के लिए भेजा था। उसके पास से एक वीडियो भी बरामद हुआ है, जो कानपुर के एक मंदिर का है।
पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वह हिज्बुल के लिए काम करता है। उससे मिली जानकारी के अनुसार कमर-उज-जमां उर्फ डॉ. हुरैहा ने हिज्बुल की ट्रेनिंग किश्तवाड़ के ऊपरी जगलों में ली थी कमर-उज-जमां उर्फ डॉ. हुरैहा कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ अपनी फोटो डालकर सुर्खियों में आया था जिसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इस संबंध में उत्तरप्रदेश पुलिस ने एनआईए का भी सहयोग लिया।
डीजीपी ने बताया कि पकड़ा गया आतंकी पढ़ा-लिखा है। उसने कम्प्यूटर और टाइपिंग की ट्रेनिंग भी ली है। 2008 से 2012 के बीच वह विदेश में भी रह चुका है। उसका विवाह 2013 में असम में ही हुआ है और उसे 1 बेटा भी है। उत्तरप्रदेश के डीजीपी के साथ प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार तथा आईजी एटीएस असीम अरुण भी थे।