सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ अपनी राज्यव्यापी 'जन-गण-मन यात्रा' के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक जिला नालंदा में कन्हैया ने कहा कि इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा, जो जुल्म होते सुनते और देखते रहे, पर खामोश और उदासीन रहे।
उन्होंने कहा कि हमें अपने सामने आने वाली समस्या की गंभीरता का एहसास करना चाहिए। पूरे राष्ट्र को हिन्दू बनाम मुस्लिम बहस में धकेला जा रहा है और यह ब्रिटिश राज को बहुत पसंद था, जब वे सत्ता में थे। कन्हैया ने दावा किया कि 1947 में हमने जो आजादी हासिल की थी और आजादी के 3 साल बाद लागू हुआ संविधान दोनों आज दांव पर हैं।
नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र और आरएसएस पर अंग्रेजी सत्ता के साथ निकटता का आरोप लगाते हुए कन्हैया ने कहा कि याद रखें कि जो केंद्र में सत्ता में हैं, उनकी विशेषता अंग्रेजों से मेल खाती है और जब देश के बाकी लोग स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने में व्यस्त थे तो वे अंग्रेजों के साथ 'चाय पे चर्चा' किया करते थे। कन्हैया की यह 'जन-गण-मन' यात्रा 27 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में एक रैली के साथ समाप्त होगी।