कुमारस्वामी ने मंत्रिमंडल के पहले चरण के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर यहां कहा, मंत्रिमंडल विस्तार के पहले चरण में जद(एस) के आठ से नौ विधायकों को शामिल किया जाएगा। दो से तीन स्थान रिक्त होंगे। उन्होंने मंत्रिमंडल में सीटों और विभागों के आवंटन को लेकर जद(एस) विधायकों के बीच किसी भी तरह के मतभेदों को भी खारिज किया और कहा कि पार्टी अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा को अगले चरण के मंत्रिमंडल विस्तार के लिए पूरी आजादी दी गई है।
उन्होंने कहा, मंत्रिमंडल में सीटों और विभागों के बंटवारे को लेकर हमारे विधायकों के बीच कोई मतभेद नहीं है। दरअसल, उन्होंने भावी मंत्रिमंडल का चयन करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पूरी आजादी दे दी है। कुमारस्वामी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी विधायकों को सुशासन कायम करने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा, आज हमारी विधायकों से बैठक हुई। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी विधायकों को सलाह दी है कि वह राज्य के विकास और सुशासन देने के लिए मंत्रिमंडल के साथ सहयोग करें। गौरतलब है कि एक जून को गठबंधन समझौते के अनुसार, कांग्रेस के पास मंत्रिमंडल में 22 सीटें और जद(एस) के पास 12 सीटें हैं।
कांग्रेस को गृह, सिंचाई, स्वास्थ्य, कृषि और महिला बाल कल्याण विभाग मिले हैं, जबकि जद(एस) को वित्त एवं आबकारी, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, पर्यटन और परिवहन मंत्रालय दिए गए। दोनों दल गठबंधन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए समन्वय और निगरानी समिति गठित करने पर भी सहमत हुए।
समिति का नेतृत्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया करेंगे, जबकि जद(एस) के दानिश अली इसके संयोजक होंगे। इस बीच, कल होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के मद्देनजर राज्य के कांग्रेस नेता मंत्रियों की सूची और विभागों के आवंटन पर पार्टी आलाकमान के साथ चर्चा करने के लिए नई दिल्ली जा सकते हैं। (भाषा)