दरअसल, कॉन्ट्रैक्टर पाटिल ने खुदकुशी से पहले आरोप लगाया था कि उन्होंने जो काम किए थे, उसका भुगतान करने के लिए उनसे रिश्वत मांगी जा रही थी। पाटिल ने इस मामले में ईश्वरप्पा का नाम लिया था। ईश्वरप्पा ने गुरुवार को कहा था कि वह शुक्रवार को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मिलकर ईश्वरप्पा ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
फिर मंत्री बनूंगा : ईश्वरप्पा ने कहा कि वे इस मामले में बेदाग होकर निकलेंगे और एक बार फिर मंत्री बनेंगे। उन्होंने यह बात यहां समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को बताई, जो उनके बेंगलुरू रवाना होने से पहले उनसे इस्तीफा नहीं देने के लिए नारे लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि यह एक अग्नि परीक्षा है, उनके खिलाफ आरोप लगाया गया है। कुछ लोगों ने उनके खिलाफ षडयंत्र रचा है।