गृहमंत्री ने कोप्पल जिले के सोमनाल गांव में शोकसंतप्त परिवार से मुलाकात के बाद कहा, हम उन्हें (उपनिरीक्षक) वापस नहीं ला सकते, लेकिन परिवार को सांत्वना देना मेरा कर्तव्य है। यह मेरे लिए भी एक क्षति है। वह दलित समुदाय से एक ईमानदार अधिकारी थे।
परमेश्वर ने बताया कि उन्होंने उपनिरीक्षक की पत्नी को गृह विभाग में नौकरी की पेशकश की है, लेकिन उन्होंने गुलबर्गा विद्युत आपूर्ति कंपनी (जीईएससीओएम) में नौकरी मांगी है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।
मंत्री ने बताया कि उनके विभाग और राज्य सरकार की ओर से परिवार को विशेष अनुदान के रूप में उनकी पत्नी को 50 लाख रुपए भी दिए जाएंगे। परमेश्वर ने कहा कि पुलिस विभाग में पैसे लेकर तबादले नहीं होते और अगर किसी का समय से पहले तबादला होता है तो उसके पास कर्नाटक प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएटी) में जाकर स्थगन लेने का विकल्प होता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour