हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं केरल के विभिन्न इलाकों और विदेश से मस्जिद में आई थीं, जिनमें पर्यटक भी शामिल थीं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब महिलाओं को पूजा स्थलों में प्रवेश देने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
मस्जिद समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता नवाब मुल्लादोम ने कहा, 'यह एक हजार साल पुरानी मस्जिद है। हमारी महिलाओं ने इसे अभी तक नहीं देखा था और उनकी पवित्र स्थल में आने की बहुत इच्छा थी। इसलिए मस्जिद समिति ने महिलाओं को 24 अप्रैल और आठ मई को प्रवेश की अनुमति देने का फैसला किया।'
मुस्लिम महिलाओं ने मस्जिद में प्रवेश के दौरान अपना पारंपरिक परिधान पहन रखा था। मस्जिद में प्रवेश करने वाली फातिमा ने कहा, 'मैं हमेशा से यहां आना और पूजा करना चाहती थी। लेकिन मैं यह इच्छा जताने से भी डरती थी। मैं खुश हूं कि अब ऐसा अवसर मिला है।'