पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह के सदस्य किडनी देने वाले एक व्यक्ति और किडनी लेने वाले व्यक्ति के परिजन के बीच बातचीत कराने के लिए दो जून को अपोलो हॉस्पिटल आएंगे। इसके बाद छापेमारी कर गुरुवार को असीम सिकदर, सत्यप्रकाश एवं देवाशीष मौलिक को गिरफ्तार कर लिया गया।
दलाल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों के गरीब लोगों को तीन-चार लाख रुपए के बदले किडनी देने के लिए लुभाते थे और दिल्ली लाकर यहां के होटलों में ठहराते थे। अधिकारी ने बताया, 'किडनी लगवाने वाले और किडनी देने वाले व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच कराई जाती थी और अनुकूलता का मेल करने के बाद अपोलो हॉस्पिटल में आपरेशन किए गए।'
रंधावा ने कहा कि पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में मूल फाइलें, सीडी और दस्तावेज बरामद करने के साथ किडनी बिक्री के पांच मामलों का पता चला और मामले की पूरी जांच की जा रही है। किडनी गिरोह को लेकर यहां के सरिता विहार पुलिस थाने में आईपीसी और मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम की अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।