यह मामला उस वक्त शुरू हुआ जब पत्रकार ने प्रदेश पार्टी मुख्यालय में स्थापना दिवस समारोह के दौरान तेज प्रताप के मंच पर एक कैमरे पर तस्वीरें देखते हुए अपने मोबाइल फोन से कुछ सेकंड का वीडियो बना लिया। इस पर दो लोगों ने पत्रकार से वीडियो डिलीट करने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया। पत्रकार का यह कहना था कि वीडियो में कुछ भी गलत नहीं है फिर भी तेज प्रताप नाराज हो गए और उन्होंने धमकी दे डाली।