बिहार के आरा तथा पटना में किरण देवी तथा उनके पति अरुण सिंह के परिसरों और गुरुग्राम, रेवाड़ी, नोएडा तथा दिल्ली में गुप्ता के परिसरों पर छापेमारी की गई।
आरोप है कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर तथा हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न (सब्स्टिट्यूट) के रूप में नियुक्त किया गया।