एमएसीटी ने 21 अगस्त को पारित आदेश में दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन की बीमा कंपनी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि दुर्घटना उस व्यक्ति की लापरवाही के कारण हुई थी, जो मोटरसाइकल पर सवार था। यह हादसा दिसंबर 2018 में ठाणे में मुंबई-आगरा राजमार्ग के शाहपुर में हुआ था। एक आईटी कंपनी में काम करने वाले अरविंद बालसुब्रमण्यम मोटरसाइकल से ठाणे से इगतपुरी जा रहे थे और सामने से आ रही जीप ने उन्हें टक्कर मार दी।
दुर्घटना के बाद बालसुब्रमण्यम को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक की पत्नी, अभिभावक और बहनों समेत परिजनों ने बताया कि जीप चालक के खतरनाक तरीके से और लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने वाहन के मालिक और बीमा कंपनी से संयुक्त रूप से 2 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की।
न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी के मृतक की गलती वाले तर्क को खारिज करते हुए कहा कि इस बात की पुष्टि के लिए कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है। इसने कहा कि रिकॉर्ड में रखे गए सबूतों से पता चलता है कि दुर्घटना के वक्त जीप का चालक सड़क पर वाहनों की परवाह किए बिना खतरनाक तरीके से और लापरवाहीपूर्वक वाहन चला रहा था। न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि जीप का मालिक और उसकी बीमा कंपनी संयुक्त रूप से 1.36 करोड़ रुपए और इस पर लगने वाले ब्याज की राशि आवेदकों को मुआवजे के रूप में दें।(भाषा)