मुंबई। महाराष्ट्र में जिन किसानों ने अप्रैल 2015 और मार्च 2019 के बीच कृषि ऋण लिया है, और कर्ज की राशि दो लाख रुपए से अधिक है, वे कर्ज माफी योजना के पात्र नहीं होंगे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली ‘महा विकास अघाड़ी’ सरकार ने गत सप्ताह कर्ज माफी योजना की घोषणा की थी।
शनिवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में यह जानकारी दी गई। जीआर में कहा गया है, 'महात्मा ज्योतिराव फुले किसान कर्ज माफी योजना के अनुसार एक अप्रैल 2015 और 31 मार्च 2019 के बीच लिया गया दो लाख रुपए तक का कर्ज और जिसे 30 सितंबर 2019 तक चुकाया न गया हो, वह माफ कर दिया जाएगा।'
प्रस्ताव में कहा गया है कि जिन किसानों का फसल कर्ज और पुनर्गठन कर्ज दो लाख रुपए से अधिक है, वे योजना के तहत किसी तरह के लाभ के पात्र नहीं हैं।
वित्त एवं सहयोग विभाग की एक समिति इस पर फैसला लेगी कि क्या किसानों की गैर निष्पादित संपत्तियों को कर्ज माफी योजना में राष्ट्रीयकृत, निजी और ग्रामीण बैंकों में शामिल किया जाए या नहीं।
सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि राष्ट्रीयकृत, जिला, सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों से लिए गए कर्ज को माफ करने पर विचार किया जाएगा।
इस बीच, किसान नेता अजित नवले ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा जारी किया सरकारी प्रस्ताव कृषक समुदाय के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि अधिकांश किसानों को इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि उनका बकाया कर्ज दो लाख रुपये से अधिक का है।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसानों पर दो लाख रुपए से अधिक का कर्ज बकाया है। इसलिए अधिकतर किसान योजना की जद से बाहर हैं। हालांकि सरकार ने कहा था कि कर्ज माफी बिना शर्त है।