राकांपा-एसपी की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल और पार्टी नेता अनिल देशमुख गढ़चिरौली जिले के अहेरी में आयोजित उस समारोह में मौजूद थे, जिसमें भागयश्री विपक्षी दल में शामिल हुईं। इस घटनाक्रम के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि नवंबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में भाग्यश्री और उनके पिता के बीच चुनावी टक्कर हो सकती है। धर्मराव अहेरी से ही विधायक हैं।
भाग्यश्री ने कहा कि जब उनके पिता को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था तब शरद पवार ने ही उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की थी। उन्होंने कहा, यह (शरद पवार के प्रति) आभार व्यक्त करने का मेरा तरीका है। उन्होंने दुख जताया कि महाराष्ट्र में मूल राकांपा से अलग हुए अजित पवार गुट के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद उनके (भाग्यश्री के) पिता ने शरद पवार का साथ छोड़ दिया था।
उन्होंने कहा, हमने पार्टी में उनकी (भाग्यश्री) वापसी को टाल दिया, क्योंकि हम देखना चाहते थे कि क्या वह अपने फैसले पर अडिग हैं। पाटिल ने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) राज्य में अगली सरकार बनाएगा और सभी सीट पर जीत हासिल करने के लिए लड़ेगा। गठबंधन में राकांपा-एसपी, कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी शामिल हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour