उन्होंने बताया कि भदोई एक संपेरा है। उसकी शादी करीब आठ साल पहले हुई थी, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं है। उन्होंने बताया कि उसने भगवान को खुश करने के लिये बच्चे की बलि देने का निर्णय किया, ताकि उसे और उसकी पत्नी को संतान प्राप्ति हो सके।
भगत ने बताया, '26 मई की रात, भदोई और कर्मू ने एक बच्ची का सोते समय अपहरण कर लिया। वह कर्मू के पड़ोसी सुभाष गोपे की लड़की थी। इसके बाद उन्होंने तिरलडीह की एक नदी के करीब श्मशान घाट में उसकी बलि दे दी।'