बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में धार्मिक स्तंभ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सोमवार को सतनामी समाज के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है तथा आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 12 दलों का गठन किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उनके मुताबिक हिंसा में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। धार्मिक स्तंभ 'जैतखाम' को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सोमवार को सतनामी समाज ने आंदोलन किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने सरकारी कार्यालयों, 2 दर्जन कारों और 70 से अधिक दोपहिया वाहनों में आग लगा दी थी। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा के दौरान पथराव में करीब 50 पुलिसकर्मी घायल हुए।
बलौदाबाजार-भाटापारा के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने बताया कि हमने सोमवार की घटना के सिलसिले में 7 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस की 12 टीमें गठित की गई हैं जिन्हें आगजनी में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया है।
कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज, विरोध प्रदर्शन की वीडियोग्राफी और मीडियाकर्मियों सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त वीडियो फुटेज के आधार पर मुख्य आरोपी और अन्य की पहचान की जा रही है। हम आरोपियों को पकड़ने के लिए पड़ोसी और अन्य जिलों के पुलिस अधीक्षकों के संपर्क में हैं। कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद इस संबंध में विवरण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आगजनी में चार पहिया और दोपहिया वाहनों सहित 100 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए तथा कुल नुकसान का आकलन करने के लिए एक दल का गठन किया गया है। कुमार ने कहा कि लगभग 45-50 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं और उनमें से 1 की हालत गंभीर बताई गई है। उन्हें पड़ोसी बिलासपुर जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
संवाददाताओं से बात करते हुए जिलाधिकारी केएल चौहान ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा आरोपियों का पता लगाने के लिए कार्रवाई जारी है। आगजनी में सरकारी संपत्ति और निजी वाहनों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम गठित की गई है।
इस वर्ष 15 और 16 मई की रात को जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के करीब सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' या 'विजय स्तंभ' को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था। पुलिस ने बाद में इस घटना के सिलसिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। घटना के विरोध में सतनामी समाज ने सोमवार को यहां दशहरा मैदान में प्रदर्शन करने और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था।
विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पथराव होने के बाद बलौदाबाजार-भाटापारा जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी है जिसके तहत 16 जून तक बलौदाबाजार शहर में 4 या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है।
स्थिति का जायजा लेने के लिए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के साथ मंगलवार तड़के जिला कार्यालय पहुंचे। शर्मा के पास गृह विभाग का प्रभार है। संवाददाताओं से बात करते हुए शर्मा ने घटना पर दु:ख जताया। उन्होंने अधिकारियों को आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
विरोध स्थल की तस्वीरों में आगजनी के कारण कई मोटरसाइकलें और कारें तथा जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के कार्यालय वाली इमारत क्षतिग्रस्त दिख रही हैं। पुलिस के साथ झड़प करते हुए भीड़ ने 2 दमकल वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है।(भाषा)