राज्य सरकार ने उसके सिर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। मेसहा ने हथियार डालकर सामाजिक मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उसने महसूस किया कि माओवादी अब अपनी विचारधारा से हट गए हैं और गरीब आदिवासियों के उत्पीड़न में शामिल हैं। मेसहा के आत्मसमर्पण करते समय सीलाकोटा के ग्रामीण बडी संख्या में मौजूद थे। (भाषा)