राज्यपाल को सौंपे एक ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि अगर आरक्षण के मामले में राज्य सरकार तत्काल फैसला नहीं लेती है, तो राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का दोष राज्य सरकार को दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार टाल-मटोल का रवैया अपना रही है।