कश्मीर में पत्थर फेंककर आंदोलन करने का सिलसिला 1980 से चला आ रहा है। ये श्रीनगर के मीरवायज के गढ़ में आम था। 2010 में मसर्रत ने कहा था कि मैं बचपन से पत्थर फेंकने वाला रहा हूं। उस समय पत्थर फेंक कर ही विरोध प्रदर्शन किया जाता था। अमेरिका में लोग जूते, कोका कोला टिन और कूड़ा फेंकते हैं। राजस्थान में गुज्जर पत्थर फेंकते हैं, जब उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं।
श्रीनगर के जैंडरा इलाके में रहने वाले मसर्रत आलम 1990 से लेकर अब तक लगभग 19 साल जेल में रह चुका है। 10 नवंबर 1971 में जन्मे मसर्रत को पहली बार दो अक्टूबर 1990 को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए), 1978 के तहत गिरफ्तार किया गया था।