लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 को अब मात्र 8 महीने ही बाकी रह गए हैं, जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आ रहा है सभी पार्टियां जातिगत आधार पर अपने-अपने वोट बैंक को पार्टी की तरफ लाने में जुट गई हैं और ऐसा होना लाजमी भी है जहां सत्ता में काबिज बीजेपी अपनी जीत को 2022 में दोहराने के लिए संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को खुश कर वोटरों को लुभाने में जुटी है।
बसपा 2007 का प्रदर्शन कोई आकस्मिक नहीं था बल्कि उसके पीछे मायावती की सोची-समझी रणनीति थी। प्रत्याशियों की घोषणा चुनाव से लगभग एक साल पहले ही कर दी गई थी। 100 से ज्यादा ब्राह्मण नेताओं को टिकट दिया गया,अधिकतर उम्मीदवार चुनाव जीत कर भी आए थे।