उन्होंने अपनी किताब में लिखा है, ‘उनकी मिश्री की तरह मीठी और भारी आवाज लोगों को वास्तव में अपना गुलाम बना सकती थी और उस दिन तय था कि वह हुसैन को पूरी तरह अपने सौंदर्य से मोहित कर देंगी।’ और हुसैन, पूरी तरह उनके प्यार में डूबे हुए थे उनकी जुबां बंद थी।
किताब ‘हुसैन: पोर्ट्रेट ऑफ एन आर्टिस्ट’ में खुलासा किया गया है कि, ‘उन्होंने जो कुछ भी दिया हुसैन ने खा लिया और जो कुछ भी कहा, हुसैन ने उससे सहमति जताई।’ (भाषा)