Maratha reservation : महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि जिन लोगों के दस्तावेज में उनके कुनबी जाति से होने का पता चला है उनके सगे सोयारे (रक्त संबंधियों) को भी ऐसे ही प्रमाण पत्र मिलेंगे। कुछ अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेताओं के मराठों के लिए इस तरह के कदम का विरोध करने के बीच पाटिल ने यह टिप्पणी की है।
पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल ने कहा कि दोनों समुदायों (ओबीसी और मराठा) को यह समझाना होगा कि 'सगे सोयारे' पर अधिसूचना से किसी के हितों को नुकसान नहीं पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर विचार करने के लिए सोमवार को सर्वदलीय बैठक करेगी।
कार्यकर्ता मनोज जरांगे कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के 'सगे सोयारे' के रूप में मान्यता देने वाली अधिसूचना के मसौदे के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पिछले महीने अपना अनिश्चितकालीन अनशन स्थगित कर दिया था।
वह मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं जिससे वे आरक्षण का लाभ उठा सकें। कुनबी एक कृषि समूह है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी का हिस्सा है।
मंत्री पाटिल ने कहा कि जिनके रिकॉर्ड (कुनबी के रूप में) पाए जाते हैं उन्हें कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। कुनबी प्रमाण पत्र पाने वालों के 'सगे सोयारे' को भी (कुनबी) प्रमाण पत्र मिलेगा।
पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। (भाषा)