नई दिल्ली। 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर अपने 22 हफ्ते के ‘अवांछित गर्भ' को हटाने की अनुमति मांगी है। अदालत ने कहा है कि नाबालिग की चिकित्सकीय जांच किए जाने की जरूरत है, शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से।
नाबालिग की याचिका के मुताबिक एक वर्ष पहले एक विवाहित व्यक्ति ने उससे यौन संबंध बनाए, जिससे वह गर्भवती हो गई। नाबालिग लड़की से बात करने के बाद न्यायमूर्ति विभा बाखरू ने कहा कि वह काफी हताश लग रही है। लड़की गर्भ हटाने के लिए बार-बार कह रही थी।