अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेए परमार ने मेवाणी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की पदाधिकारी रेशमा पटेल और मेवाणी के राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कुछ सदस्यों सहित 9 लोगों को आईपीसी की धारा 143 के तहत गैरकानूनी जनसमूह का हिस्सा बनने का दोषी पाया।
रेशमा पटेल ने जब इस रैली में हिस्सा लिया था तब वह किसी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं थीं। वह पाटीदार समाज को आरक्षण दिए जाने की समर्थक रही हैं और बतौर कार्यकर्ता उन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस मामले में कुल 12 लोगों को आरोपित किया गया था। इनमें से एक आरोपी की मौत हो गई है जबकि एक अभी भी फरार है।