किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर...

बुधवार, 7 जून 2017 (19:29 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर चल रहा है, ऐसे में प्रदेश के शांतिप्रिय लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी तरह के बहकावे में न आएं। किसानों को उपज का वाजिब दाम न मिलने के बाद 1 जून से शुरू हुआ यह आंदोलन अब काफी हिंसक हो चुका है, ऐसे में सोशल मीडिया पर तरह-तरह के संदेश चल रहे हैं, जो पूरी तरह सही नहीं हैं। हर  संदेश विश्वसनीय नहीं है और लोगों से अपील है ‍कि वे पुष्टि करने के बाद ही इन संदेशों को आगे बढ़ाएं। सोशल मीडिया पर बिजलपुर क्षेत्र में एक पुलिसकर्मी को जिंदा जलाए जाने की अफवाह उड़ी, जो पूरी तरह गलत साबित हुई।
 
6 किसानों की मौत के बाद आंदोलन उग्र : यह सही है कि मंगलवार को मंदसौर में फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद बुधवार से पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन काफी उग्र हो गया है। जगह-जगह तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की खबरें आ रही हैं और सोशल मीडिया में इन खबरों को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जिसकी वजह से प्रदेशवासी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लोगों के मन में अनजाना सा डर जरूर है, लेकिन सोशल मीडिया की अफवाहों ने इसे कई गुना बढ़ाने का काम किया है। 
 
बिजलपुर में नहीं जलाया पुलिसकर्मी को : बुधवार शाम को यह खबर आई कि इंदौर के समीप बिजलपुर क्षेत्र में एक पुलिसकर्मी को जिंदा जला दिया। इस खबर की पुष्टि करने के लिए जब 'वेबदुनिया' ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना यहां नहीं हुई है। यहां तो जमकर पानी बरस रहा है। किसान आंदोलन में शरीक पटवारी के अनुसार, मैंने सभी किसानों से कहा है कि वे अपने घरों में चले जाएं और शांति कायम करने में सहयोग करें। 
 
बहुत जरूरी होने पर ही यात्रा करें : देश के दिल में बसा मध्यप्रदेश सबसे सुरक्षित और शांत प्रदेश माना जाता था, लेकिन किसान आंदोलन के उग्र होने पर फिलहाल यहां अशांति पसर गई है। प्रदेशवासियों को बहुत विनम्रता के साथ सलाह दी जाती है कि वे सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें और बहुत जरूरी होने पर ही यात्रा करें। यात्रा करने से पूर्व यह जरूर पता कर लें कि उनकी यात्रा सुरक्षित है या नहीं?
 
उज्जैन में टीआई समेत 5 पुलिसकर्मी घायल :  वैसे इंदौर के आसपास के क्षेत्रों में जरूर किसान आंदोलन विकराल रूप ले चुका है। बुधवार के दिन उग्र भीड़ ने 4 से ज्यादा चार्टर्ड बसें, निजी वाहन और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में आग लगा दी। उज्जैन में दो बड़ी घटनाएं हुई हैं। उज्जैन के पास चंदूखेड़ी में आंदोलन कर रही किसानों की भीड़ ने पुलिस वाहन पर हमला कर दिया, जिसके कारण टीआई समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उधर,  मंदसौर में जिलाधीश ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मंदसौर पहुंचने की अनुमति नहीं दी है।
 
प्रदेशव्यापी पूरी तरह सफल : बुधवार को आधे दिन का प्रदेशव्यापी बंद पूरी तरह सफल रहा और लोगों ने स्वेच्छा से अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। इंदौर में भी सुबह से बंद का असर दिखाई दिया। सभी प्रमुख बाजार दोपहर बाद ही खुले। कुछ स्थानों पर जरूरी सामान के लिए दुकानें और मेडिकल स्टोर्स के शटर भी खुले लेकिन शहर से कोई अप्रिय घटना की बड़ी खबर नहीं है। सब्जी मंडी सूनी रही और घरों तक दूध का वितरण भी नहीं हो सका...(वेबदुनिया न्यूज) 

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