मुलायम की दो टूक, शिवपाल और अमरसिंह को नहीं छोड़ूंगा...

सोमवार, 24 अक्टूबर 2016 (12:09 IST)
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में मची रार के बीच इसके मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बाहरी आदमी राज्यसभा सदस्य अमर सिंह और भाई शिवपाल का बचाव करते हुए उनका विरोध कर रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को डांटभरे लहजे में नसीहतें दीं।
मुलायम ने सोमवार को हंगामे और शोरगुल के बीच बिना किसी तार्किक अंत के अचानक समाप्त हुई पार्टी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मैं अमर सिंह और शिवपाल के खिलाफ कुछ भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। अमर सिंह मेरा भाई है। उसने मुझे जेल जाने से बचाया और तुम (अखिलेश) अमर सिंह को गाली देते हो। 
 
सपा मुखिया ने अखिलेश पर बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या है तुम्हारी हैसियत, मैं जानता हूं। क्या तुम अकेले चुनाव जीत सकते हो? हालांकि यह बैठक बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई, लेकिन मुलायम ने एक स्पष्ट संदेश जरूर दिया कि अगर किसी को सपा में रहना है तो उसे सपा का बनकर रहना होगा। पार्टी में वही होगा, जो मैं कहूंगा। 
 
उन्होंने अखिलेश को अतिउत्साही युवा नेताओं से घिरा बताने की कोशिश करते हुए कहा कि नारेबाजी और चापलूसी से तुम कुछ नहीं बन पाओगे। हम इनको समझते हैं, लेकिन इनके दिमाग में दूसरी बात है। जो लोग ज्यादा उछल रहे हैं, वे एक लाठी भी नहीं झेल पाएंगे। 
 
सपा मुखिया ने कहा कि केवल लाल टोपी (पार्टी की टोपी) पहन लेने से कोई समाजवादी नहीं हो जाता। तुम्हारी आलोचना करने वाला ही तुम्हारा असली मित्र है। जो आलोचना सुनकर सुधार नहीं करता, वह कभी बड़ा नेता नहीं बन सकता। क्या यहां मौजूद कोई युवा खड़ा होकर समाजवादी पार्टी की परिभाषा बता सकता है?
 
शिवपाल को अपने राजनीतिक सफर के दौरान संघर्ष का साथी बताते हुए मुलायम ने कहा कि शिवपाल ने हर मुश्किल हालात में उनका पूरा साथ दिया है। उन्होंने शिवपाल की पहल पर सपा में विलय हुए कौमी एकता दल के नेतृत्वकर्ता परिवार की भी तारीफ की और कहा कि आजादी की लड़ाई में इस परिवार का योगदान रहा है।
 
यह कहते हुए कि कुछ मंत्री केवल चापलूसी करते हैं, मुलायम ने कहा कि मैं शिवपाल के काम को भूल नहीं सकता। वे जनाधार वाले नेता हैं तथा हम कठिन दौर का सामना कर रहे हैं। हमें अपनी कमजोरियां दूर करनी चाहिए और एक-दूसरे के खिलाफ लड़ना-झगड़ना नहीं चाहिए। हालांकि मुलायम की नसीहतों का दोनों पक्षों पर कोई खास असर नहीं दिखा और उनकी मौजूदगी में ही दोनों गुटों के समर्थकों के बीच तल्खी बढ़ गई, नतीजतन बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के अचानक समाप्त हो गई।
 
बैठक में शामिल एक पदाधिकारी ने बताया कि मुलायम ने अपने संबोधन के बाद मुख्यमंत्री और शिवपाल को गले मिलने को कहा। इसी बीच, मुख्यमंत्री को 'औरंगजेब' की उपाधि देने वाले पत्र को प्रेस में कथित रूप से जारी करने वाले विधान परिषद सदस्य आशु मलिक को मुख्यमंत्री ने माइक पर बुलाया तो उन्होंने अखिलेश के कंधे पर हाथ रखकर कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा और गोलमोल बातें करने लगे।
 
पदाधिकारी के अनुसार अखिलेश ने जब मंच से सफाई देने की कोशिश की तो उनसे माइक की छीना-झपटी हो गई। इससे अखिलेश समर्थक नौजवान नाराज हो गए। हालात भांपते हुए अखिलेश, आशु मलिक को अपने साथ बाहर ले गए। बाद में दोनों गुटों के समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए और मारपीट हो गई। पुलिस को स्थिति संभालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
 
मुलायम ने अमर सिंह और शिवपाल यादव का समर्थन किया, साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश यादव सपा में बने रहेंगे। दोनों पक्षों को समझाने की उनकी कोशिश का खास असर नजर नहीं आया और उस समय स्थिति बिगड़ गई, जब मुलायम और उनके बेटे तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठक के दौरान एक-दूसरे पर चिल्ला पड़े।
 
राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के पक्ष में आवाज बुलंद करते हुए मुलायम ने कहा कि अमर ने मेरी बहुत मदद की है। अगर अमर सिंह यहां नहीं होते तो मैं जेल में होता। वे मेरे भाई की तरह हैं। बैठक के दौरान शिवपाल और अखिलेश के बीच आरोपों का दौर चला। शिवपाल ने कहा कि हाल ही में वे मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। 
 
उन्होंने कहा कि वे अलग पार्टी बनाएंगे और अन्य दलों के साथ गठबंधन करेंगे। कई मुद्दों के चलते मुख्यमंत्री से टकराव मोल लेने वाले शिवपाल ने कहा कि मैं यह गंगाजल की कसम खाकर कह सकता हूं। अमर सिंह की तारीफ में कसीदे काढ़ते हुए शिवपाल ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा सदस्य के साथ संबंध कभी नहीं तोड़े और उनके आपस में निजी संबंध हैं।
 
शिवपाल ने यह भी कहा कि उन्हें बुलाया नहीं जाता था फिर भी वे मुख्यमंत्री आवास जाते थे। मंच पर ही शिवपाल और अखिलेश ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए और तकरार के बीच ही शिवपाल ने मुख्यमंत्री से माइक छीन लिया। अखिलेश के समर्थकों पर कटाक्ष करते हुए शिवपाल ने कहा कि पार्टी को कड़े परिश्रम और मुलायम सिंह के पसीने से मजबूती मिली है, आपकी नारेबाजी के कारण नहीं।
 
जब शिवपाल ने कहा कि वे इन 4 सालों के दौरान संगठन के लिए काम करते हुए हर जिले में 3-3 या 4-4 बार गए हैं तो कार्यकर्ताओं की भीड़ में से किसी ने कहा कि उन्होंने सरकारी हेलीकॉप्टर का उपयोग करते हुए दौरे किए। इस पर भड़के शिवपाल ने कहा कि हेलीकॉप्टर क्या तुम्हारे बाप का है? मैं मंत्री था सरकार में। (भाषा)

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