वक्फ मुसलमानों का धार्मिक मामला : ज्ञापन में बताया गया है कि मुसलमान संशोधन का विरोध करते हैं, क्योंकि वक्फ मुसलमानों का धार्मिक मामला है और उसमें गलत नीयत के साथ संशोधन किए जा रहे हैं। उसमें कहा गया है कि वे सरकार को इस बात की इजाजत नहीं देंगे कि वे उनके धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी करें।
संयुक्त संसदीय दल के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को संबोधित ज्ञापन में कहा कि संविधान मुसलमानों को इस बात की इजाजत देता है कि वे अपने धर्म के अनुसार आचरण करें। इसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है, इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि वक्फ कानून में संशोधन की कोई जरूरत नहीं है, 2013 में इसमें काफी संशोधन हुए थे और वे काफी है। हालांकि उसमें भी मुसलमानों की पूरी बात शामिल नहीं हो पाई थी। उन्होंने कहा कि वक्फ पूरी तरह से धार्मिक मामला है और इसमें किसी का हस्तक्षेप ठीक नहीं होगा।(भाषा)