तेलंगाना विधानमंडल के दोनों सदनों ने रविवार को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जनजाति और मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण बढ़ाने वाला विधेयक पारित कर दिया।
भाजपा को छोड़कर सभी दलों ने तेलंगाना पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (शैक्षणिक संस्थानों में सीटों और राज्य सरकार के तहत सेवाओं में नियुक्तियों या पदों में आरक्षण) विधेयक, 2017 का समर्थन किया।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विधानसभा में कहा कि अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्य में कुल आरक्षण मौजूदा 50 से बढ़कर 62 फीसदी हो जाएगा।
इस विधेयक के तहत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को मौजूदा 6 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया है जबकि बीसी-ई (मुस्लिम समुदाय के पिछड़ा वर्ग) के लिए इसे मौजूदा 4 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में कुल आरक्षण मौजूदा 50 फीसदी से बढ़कर 62 फीसदी हो जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष मधुसूदनाचारी से विशेष सत्र से भाजपा के सभी पांच विधायकों को निलंबित कर दिया था क्योंकि वे पोस्टर लेकर इस विधेयक को 'असंवैधानिक' बता रहे थे। भाजपा विधायकों का कहना था कि विधेयक धर्म आधारित आरक्षण की बात करता है। विधानपरिषद में एक मात्र भाजपा सदस्य रामचंद्र राव ने भी विधेयक के विरोध में बर्हिगमन किया। (एजेंसी)