उन्होंने हाल में यहां नरवरिपल्ले में कहा कि एक समय था, जब अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को पंचायत (चुनाव) या स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी। अब मैं यह कह रहा हूं कि कम बच्चों वाले व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते। आप सरपंच, नगर पार्षद, निगम अध्यक्ष या महापौर तभी बनेंगे, जब आपके 2 से अधिक बच्चे होंगे।
दक्षिण कोरिया और जापान तथा यूरोपीय देशों का हवाला दिया : दक्षिण कोरिया और जापान तथा यूरोपीय देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उन स्थानों पर लोगों को जनसंख्या में गिरावट के खतरे का एहसास नहीं है बल्कि उनका ध्यान सिर्फ धन सृजन करने, आय बढ़ाने तथा अपने देशों को प्रगति की राह पर आगे ले जाने पर केंद्रित है। इस महीने की शुरुआत में नायडू ने गिरती जन्म दर पर चिंता जताई थी और कहा था कि भारत को दक्षिण कोरिया तथा जापान जैसे अन्य देशों द्वारा की गई गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए, जहां जन्म दर में भारी गिरावट आई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल कुछ दंपति बच्चे पैदा करने से कतराते हैं, क्योंकि वे अपनी कमाई को दूसरों के साथ साझा नहीं करना चाहते और उस पैसे का इस्तेमाल अपने आनंद के लिए करना चाहते हैं। नायडू ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि आंध्रप्रदेश में जनसंख्या प्रबंधन की जरूरत है, क्योंकि यहां बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि होगी।
नायडू ने कहा था कि 2047 तक हमारे पास जनसांख्यिकीय लाभांश होगा, यहां अधिक युवा होंगे। 2047 के बाद अधिक वृद्ध लोग होंगे। अगर (प्रति महिला) 2 से कम बच्चे पैदा किए जाते हैं तो जनसंख्या कम हो जाएगी। अगर आप (प्रत्येक महिला) 2 से अधिक बच्चों को जन्म देती हैं तो जनसंख्या बढ़ जाएगी।(भाषा)