कोहिमा। नगालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सू और उनके समर्थक बुधवार को शक्ति परीक्षण के लिए सदन में नहीं पहुंचे, जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यपाल पी.बी. आचार्य ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष इमतिवपांग को निर्देश दिया था कि वह आज सुबह साढ़े नौ बजे सदन का विशेष आपात सत्र आहूत करें ताकि मुख्यमंत्री लिजित्सू बहुमत साबित कर सकें। मुख्यमंत्री अपनी पार्टी नगालैंड पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायकों का विद्रोह झेल रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और एनपीएफ के बागी विधायकों के नेता टी. आर.जेलिआंग अपने समर्थकों के साथ सदन में मौजूद थे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बहुमत साबित करने का प्रस्ताव नहीं रखा जा सकता क्योंकि वह सदन में उपस्थित नहीं हैं। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है।
अध्यक्ष ने कहा, वह सदन की कार्यवाही की रिपोर्ट राज्यपाल को सौपेंगे। लिजित्सू धड़े के विधायकों से संपर्क करने के सभी प्रयास विफल साबित हुए।
मुख्यमंत्री ने 15 जुलाई को सदन में बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निर्देशों पर स्थगन लगाने का अनुरोध उच्च न्यायालय से किया था, लेकिन अदालत की कोहिमा पीठ ने उसे खारिज कर दिया।
अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में आचार्य ने विधानसभा अध्यक्ष से आज शक्ति परीक्षण के लिए विशेष सत्र आहूत करने को कहा था।
मुख्यमंत्री ने 14 जुलाई को अदालत में याचिका दायर की थी जिसके बाद अदालत ने अंतरिम आदेश जारी कर राज्यपाल के निर्देशों पर 17 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी थी। (भाषा)