जेल से जमानत पर छूटा नारायण साईं

मंगलवार, 26 मई 2015 (22:00 IST)
सूरत। बलात्कार के एक कथित मामले के सिलसिले में 17 महीने जेल में रहने के बाद प्रवचनकर्ता आसाराम का बेटा नारायण साईं यहां लाजपोर केंद्रीय कारागार से तीन हफ्ते की अस्थाई जमानत पर आज रिहा हो गया। 
एक जेल अधिकारी ने बताया कि गुजरात उच्च न्यायालय ने कल नारायण साईं की 21 दिनों की अस्थाई जमानत मंजूर की। अपनी बीमार मां से मिलने के लिए उसे जमानत मिली है। उसे आज पूर्वाह्न 11 बजकर 35 मिनट पर लाजपोर जेल से रिहा किया गया।
 
अधिकारी ने बताया कि जेल से रिहा होने के बाद साईं अहमदाबाद गया, जहां उसकी मां लक्ष्मीबेन की ‘सर्वाइकल कोर्ड ’ की सर्जरी होगी। उन्होंने बताया कि जमानत अवधि के दौरान साईं के साथ अपराध शाखा के दो लोग, सूरत पुलिस के एक उप निरीक्षक सहित 22 पुलिसकर्मी होंगे। साथ ही, राज्य रिजर्व पुलिस बल के 18 जवान भी होंगे।
 
उच्च न्यायालय ने कल साईं की अस्थाई जमानत मंजूर की थी। हालांकि वह जमानत अवधि के दौरान पुलिस निगरानी में रहेगा। उच्च न्यायालय ने साई से कहा है कि यदि उसकी मां की सर्जरी तब तक नहीं होती है तो उसे रिहाई की तारीख से चार दिनों के अंदर आत्मसमर्पण करना होगा।
 
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने 16 अप्रैल को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उसकी मां की प्रस्तावित सर्जरी में मौजूदगी के लिए तीन हफ्तों की जमानत मंजूर की थी। हालांकि, 29 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने आदेश में संशोधन करते हुए कहा था कि साईं को जमानत पर तभी रिहा किया जाएगा, जब उसकी मां के ऑपरेशन की तारीख तय हो जाएगी।
 
शीर्ष न्यायालय ने गुजरात पुलिस की एक अर्जी पर यह आदेश दिया था। इस अर्जी में साईं को मिली अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि सूरत की दो बहनों से कथित बलात्कार के आरोप में दिसंबर 2013 से साईं जेल में है। इन बहनों ने उसके और उसके पिता आसाराम के खिलाफ बलात्कार की दो शिकायतें दर्ज कराई थी।
 
एक बहन ने आसाराम के खिलाफ दर्ज कराए गए बलात्कार के कथित मामले में साईं की मां को भी नामजद किया था। साईं के खिलाफ बलात्कार, छेड़छाड़ और बंधक बना कर रखने सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है। (भाषा)

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