नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी की वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए दिल्ली सरकार से 1 मई से डेस्टिनेशंस बसों का संचालन शुरू करने के लिए कहा। डेस्टिनेशस बसें ऐसी बसें होती हैं जो कि एक प्वांइट से शुरू हो कर बीच में बिना रुके सीधे दूसरे प्वांइट पर ही रुकती हैं।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने आप सरकार को प्रयोग के तौर पर द्वारका, रोहणी, जनकपुरी, सीजीओ काम्पलेक्स और बदरपुर बॉर्डर से प्वांइट टू प्वांइट बस चलाने का निर्देश दिया। हरित अधिकरण ने कहा कि इन सेवाओं को उन स्थानों पर शुरू किया जाएगा जहां से बड़ी संख्या में यह लोगों को सुविधा दे सकें।
एनजीटी ने कहा कि यह सेवा किसी व्यक्ति को भीड़भाड़ वाली सड़क पर अकेले गाड़ी चलाने की बजाए इस सेवा को अपनाने की सुविधा मुहैया कराएगी। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि एनसीटी दिल्ली और यातायात पुलिस डेस्टिनेशन बसों का परिचालन शुरू किए जाने की सूचना 25 अप्रैल से जनता को देना प्रारंभ करेगी। इसके साथ ही एनजीटी ने चार सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
एनजीटी ने दिल्ली परिवहन निगम को अपनी बसों को ठीक हालत में रखने और अपने कर्मचारियों को बसों की साफ सफाई और रखरखाव के काम में लगाने के भी निर्देश दिए। इससे पहले हरित अधिकरण ने आदेश के बावजूद प्वांइट टू प्वांइट बस सेवा आज तक नहीं शुरू करने के लिए दिल्ली सरकार की खिंचाई की थी।
दिल्ली सरकार के वकील ने एनजीटी को बताया था कि बसों की कमी है जिस पर एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। पैनल ने कहा था कि प्रत्यक्ष है कि यमुना के किनारे डीपो में बड़ी संख्या में बसें खड़ी हैं। हमें कोई कारण नहीं दिखाई देता कि क्यों राज्य प्रशासन ने हमारे आदेशों का अब तक पालन नहीं किया। पीठ ने यह भी कहा कि इस तरह की प्वांइट टू प्वांइट बसों से जाम कम हो सकेगा, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग द्वारका और रोहणी जैसे इलाकों से मध्य दिल्ली स्थित अपने कार्यालयों में आते हैं। (भाषा)