प्रधान अवर महाधिवक्ता ललित किशोर और अवर सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय ने जनहित याचिकाओं को ‘निरर्थक’ बताते हुए कहा कि ये गंभीरता से विचार करने योग्य नहीं हैं। किशोर ने अदालत से कहा कि याचिकाओं की प्रतिय केंद्र सरकार के वकील को दी गई है लेकिन वे अन्य पक्षों राज्यपाल, भारत निर्वाचन आयोग और बिहार सरकार को नहीं दी गई हैं। (भाषा)