वैभव (माता-पिता के अनुरोध पर बदला हुआ नाम) का राजधानी के एक सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक इस दुर्लभ स्थिति को प्रेसोसियल या अर्ली प्यूबर्टी (वक्त से पहले जवान होना) कहा जाता है। बच्चे में इस बदलाव की शुरुआत छ: माह की उम्र से ही हो गई थी। न केवल वैभव की लंबाई सामान्य से अधिक थी, बल्कि उसके जननांग भी उम्र से ज्यादा विकसित हो गए थे।
वैभव की मां के मुताबिक, शुरू में हमने सोचा कि जन्म के समय वजनी शरीर होने के कारण ऐसा हुआ है। हम उसे डॉक्टर के पास भी नहीं ले गए, लेकिन एक साल की उम्र होने पर अब उसके अंग अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे हैं। 18 माह की उम्र में वैभव की लंबाई 95 सेमी है। इस तरह वह सामान्य बच्चों से 10-15 सेमी लंबा है। उसके चेहरे और शरीर पर अभी से बाल आने लगे हैं। उसकी आवाज बदल रही है। सबसे बड़ी बात कि उसके जननांग विकसित हो चुके हैं।
शुरुआती जांच में पता चला है कि उसका टेस्टोस्टेरॉन 500-600 नैनोग्राम प्रति डेसिलिटर है, जबकि उसकी उम्र के बच्चों में यह आंकड़ा 20 होता है। ऐसा बहुत कम होता है। एक लाख बच्चों में कोई एक केस ऐसा सामने आता है। वैभव के इलाज पर हर माह 11,000 रुपए खर्च हो रहे हैं। दुर्लभ बीमारी होने के कारण बीमा कंपनी ने भी क्लेम देने से इनकार कर दिया है।