फूलपुर में सपा के सामने यह है एक बड़ी चुनौती...

अवनीश कुमार
शनिवार, 10 मार्च 2018 (10:53 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के फूलपुर में उपचुनाव को लेकर चल रही जनसभा व शोर अब शांत हो चुका है और सभी को इंतजार है तो 11 मार्च को होने वाले मतदान का। समाजवादी पार्टी के फूलपुर के क्षेत्रीय नेता इन दिनों बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण है समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी का गठबंधन।
 
फूलपुर उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह पटेल के समर्थन में एक विशाल रोड शो और जनसभा को संबोधित किया। इसमें काफी बड़ी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया लेकिन बसपा के एक या दो बड़े नेताओं को छोड़कर ज्यादा कार्यकर्ता नहीं दिखाई दिए।
 
अगर रोड शो की बात करें तो गाड़ियों पर समाजवादी पार्टी के झंडे के साथ-साथ बसपा का भी झंडा लहराता दिखा। इतना ही नहीं, सपा प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह पटेल अपने चुनाव प्रचार के दौरान गले में सपा की जगह बसपा के नीले रंग के गमछे को डाले नजर आए। इसके पीछे कोशिश साफ थी कि हर कीमत पर बसपा कैडर के वोट बैंक को सफलतापूर्वक सपा के पक्ष में किया जा सके।
 
इलाहाबाद में समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर भी बसपा का झंडा लगाया गया है, साथ ही सपा प्रत्याशी के प्रचार वाहनों में भी बसपा का झंडा, सपा के झंडे के साथ लहराया। सपा प्रत्याशी ने अपने पार्टी के झंडे के साथ ही बसपा का झंडा लगाकर चुनाव प्रचार किया। लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो बसपा के नेता व कार्यकर्ता सपा नेताओं के साथ प्रचार करते नहीं दिखाई दिए। अब ऐसे में बसपा कैडर के वोट को सपा प्रत्याशी के पक्ष में करना एक बड़ी चुनौती है। बसपा के समर्थन का सपा को कितना फायदा मिला, इसका तो पता 14 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम से पता चलेगा।
 
सपा प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह पटेल ने दावा किया है कि बसपा के लोग उनके समर्थन में प्रचार-प्रसार कर वोट मांग रहे हैं, तो बसपा के इलाहाबाद जोनल को-ऑर्डिनेटर अशोक  गौतम कहते हैं कि बहनजी (मायावती) के आदेश को कार्यकर्ताओं के बीच रखा गया है। कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे घर-घर जाकर मतदाताओं से सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए प्रेरित करें।

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