देहरादून। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने अपना विरोध प्रदर्शन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी शुरू कर दिया है। मंगलवार को मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर धरना देते हुए तीर्थ पुरोहितों ने शीर्षासन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार अपने तय वादे को भूल रही है। देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था को सरकार वापस करे। तीर्थ पुरोहित कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल से भी मिले। उन्होंने पुरोहितों को आश्वासन दिया कि जल्द देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार सकारात्मक फैसला लेगी।
आपको बता दें कि चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत की बैठक देहरादून स्थित अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित की गई थी जिसमें चारों धामों से जुड़ी पंचायत एवं मंदिर समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने शिरकत की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इसी 27 नवंबर को चारों धामों के तीर्थ पुरोहित काला दिवस के रूप में मनाएंगे।
इस दिन चारों धामों के तीर्थ पुरोहित देहरादून में विरोधस्वरूप रैली निकालेंगे। इसके अलावा मंगलवार को यमुना कॉलोनी में राज्य सरकार के आवास का घेराव घेराव किया जाएगा। महापंचायत की बैठक महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक की जानकारी देते हुए महापंचायत के प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती ने बताया कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि मंगलवार 23 नवंबर को चारों धामों के तीर्थ पुरोहित यमुना कॉलोनी स्थित मंत्रियों के आवास का घेराव कर अपना विरोध दर्ज करेंगे। महापंचायत के प्रवक्ता ने बताया कि 27 नवंबर 2019 को राज्य कैबिनेट से श्राइन बोर्ड का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसी विरोध में चारों धामों के तीर्थ पुरोहित एवं हकहकूकधारियों काला दिन के रूप में मनाकर अपना विरोध जताएंगे।
सन् 2019 में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम विधेयक 2019, राज्य विधानसभा में भारी विरोध के बावजूद पारित कराया। 15 जनवरी 2020 को इसकी अधिसूचना जारी की गई तथा इस एक्ट के तहत चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया।
इसके बाद से उत्तराखंड के चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिरों के अलावा 47 अन्य पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व के मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड में समाहित कर दिया गया। एक्ट के विरोध में चारों धामों के तीर्थ पुरोहित, रावल, पुजारी एवं इन मंदिरों से जुड़े हकहकूकधारी तब से ही लगातार उद्वेलित हैं।
आंदोलन कर रहे तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि राज्य सरकार ने इस एक्ट को बनाने से पहले न तो तीर्थ पुरोहितों और न ही हकहकूकधारियों से उनकी राय जानी। इतना ही नहीं, इस एक्ट के अमल में आने के बाद भी उनसे विमर्श नहीं किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों व इन मंदिरों के हकहकूकधारियों को इस एक्ट को पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया।
उत्तराखंड में खेल नीति 2021 को कैबिनेट ने दी मंजूरी : उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक खेल नीति 2021 के तहत की प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इसमें खिलाड़ियों को सुविधाएं, खिलाड़ियों को तराशने से लेकर कई पहलुओं को ध्यान में रखा गया। इसमें खिलाड़ियों को सुविधाएं, खिलाड़ियों को तराशने से लेकर कई पहलुओं को ध्यान में रखा गया। बैठक में तय किया गया कि खेल प्रतिभाओं को आरंभिक आयु 8 वर्ष से ही पहचानने एवं उनको तराशने के लिए प्रतिभा श्रृंखला विकास योजना PSAT (फिजिकल एप्टीटयूड टेस्ट) को लागू किया जाएगा। उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के लिए Center of Excellence स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना को लागू करने का प्रस्ताव भी बैठक में पास किया गया। इसके तहत प्रतिवर्ष यह सुविधा प्रति जनपद 100-100 (कुल 2,600) प्रतिभावान बालक-बालिकाओं को प्रति खिलाड़ी 2,000 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही खेल उपकरण के लिए प्रतिवर्ष धनराशि 10 हजार की सीमा तक सहायता मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध कराई जाएगी। खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दी जाएगी। राज्य की सेवाओं में उच्च स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को समूह ख एवं ग में चयनित विभागों के चयनित पदों पर आउट ऑफ टर्न नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा।
मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतियोगिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना की जाएगी। इसके तहत राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने हेतु निजी क्षेत्र द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, खेल अकादमी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतियोगिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना की जाएगी। खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि में 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की वृद्धि प्रतिवर्ष पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार की धनराशि में 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
इस खेल नीति के अनुसार राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण एवं राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के समय होने वाली खेल दुर्घटनाओं व खेल इंजुरी आदि के मद्देनजर खेल नीति 2021 एवं अन्य खेल आकस्मिकताओं के दृष्टिगत बीमा अथवा आर्थिक सहायता खेल विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को राज्य व राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा प्रशिक्षण शिविरों में प्रतिभाग करने हेतु राज्य परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्क यात्रा हेतु सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य के उदीयमान खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष आवश्यक बैट्री टेस्ट एवं उसकी दक्षता की मेरिट के आधार पर 8 से 14 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं प्रति जनपद 150-150 प्रति जनपद अर्थात पूरे राज्य में 1950 बालकों एवं 1950 बालिकाओं कुल 3,900 उदीयमान खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना अंतर्गत धनराशि 1500 रु. प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाएगी। 14 से 23 वर्ष तक की आयु के प्रतिभावान खिलाड़ियों को जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रैकसूट एवं खेल संबंधी अन्य उपस्कर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।