प्लाज़्मा से पैदा होगी सूर्य जैसी ऊर्जा!

मंगलवार, 21 अप्रैल 2015 (11:16 IST)
अहमदाबाद। गुजरात स्थित एक अनुसंधान संस्थान ने पदार्थ के चौथे रूप प्लाज़्मा को स्थिर अवस्था सुपर कंडक्टिंग टोकामक (एसएसटी-1) में रोक कर रखने में अहम सफलता मिलने का दावा किया है। यह ऐसा है जैसे कि एक प्रयोगशाला के भीतर सूरज जैसी उर्जा पैदा की जाए।

टोकामक ऐसा उपकरण है जिसमें प्लाज़्मा को रोककर रखने अर्थात एक निश्चित आकार में बनाए रखा जाता है।

एक अधिकारी ने बताया कि प्लाज़्मा अनुसंधान संस्थान (आईपीआर) की खोज से उर्जा उत्पादन में मदद मिलेगी।

आईपीआर के निदेशक धीरज बोरा ने कहा, 'अपने प्रयोगों के दौरान हमें कई बार प्लाज़्मा को रोककर रखने में बड़ी सफलता मिली। हमने मशीन के भीतर सुपरकंडक्टिंग चुंबकों की मदद के जरिए हाइड्रोजन से उच्च तापमान वाले प्लाज़्मा का निर्माण किया है।' यह ऐसा है जैसे कि एक प्रयोगशाला के भीतर सूरज जैसी उर्जा पैदा की जाए।

प्लाज़्मा को रोके रखकर स्थिर अवस्था एसएसटी-1 के भीतर ऊर्जा दी गई। धरती पर हमारी ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य है जो गरम प्लाज़्मा का गोला है। आंतरिक संवहनी गति वाली इस प्रक्रिया के दौरान डायनेमो प्रक्रिया की तरह चुंबकीय क्षेत्र बनता है।

इसी तरह, शहर के बाहरी हिस्से में स्थित आईपीआर में वैज्ञानिकों ने टोकामक नामक उपकरण के साथ एक फ्यूजन प्रयोग किया और उन्हें प्लाज़्मा को रोककर रखने में कामयाबी मिली। इससे निकट भविष्य में सूर्य जैसी ऊर्जा पैदा करने की उम्मीद जगती है। (भाषा)

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