पीड़िता ने बताया कि वह 20 नवंबर, 2016 को बलात्कार की शिकायत दर्ज करवाने गई थी। जब वो शिकायत करने गई तो पुरुष पुलिसकर्मियों ने जांच के नाम पर उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया और इस दौरान उन्होंने उसकी जांघों को भी छुआ। वो जानना चाहते थे कि रेप कहां हुआ था।
कैथल में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का बयान दर्ज करवाया गया। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को पुलिसवालों के बर्ताव के बारे में भी बताया। पीड़िता के मुताबिक, 23 नवंबर को पुलिसवाले रेप के आरोपी के साथ उसे क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए) दफ्तर लेकर आए थे।
शिकायत के अनुसार, एक पुलिसकर्मी ने पीड़िता से कहा कि वह अपनी शर्ट के बटन खोलकर दिखाए कि उसका रेप हुआ है। इसके बाद एक पुलिसवाले ने उसकी जांघों पर हाथ रख दिया। आरोपी पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने यह बात किसी से कही तो उसका मेडिकल नहीं करवाया जाएगा।