कोटा। राजस्थान के झालावाड़ और झालरापाटन शहरों की दीवारों पर गुरुवार सुबह पोस्टर लगे दिखे, जिनमें कहा गया था कि भाजपा विधायक वसुंधरा राजे और उनके बेटे तथा सांसद दुष्यंत सिंह 'लापता' हो गए हैं।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान के झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, वहीं दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं। पोस्टरों में 'लापता की तलाश' शीर्षक के साथ दोनों भाजपा नेताओं की तस्वीरें थीं। पोस्टरों पर लिखा था, इस गंभीर कोरोना काल में पूरे झालावाड़ जिले के निवासियों को अकेला छोड़कर आप दोनों कहां चले गए हैं?
पोस्टरों पर लिखा था, डरिए नहीं, घर आ जाइए। इसके साथ ही उपहास भरे लहजे में कहा गया था, लोगों का क्या है? वे इसे एक-दो दिन में भूल जाएंगे। पोस्टरों में दोनों जनप्रतिनिधियों के बारे में जानकारी देने वालों को आकर्षक इनाम देने का वादा किया गया था।
दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में अचानक पोस्टरों के सामने आने से भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच असहज स्थिति पैदा हो गई और उनमें से कई कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस और नगर निगम के कर्मियों की मदद से पोस्टरों को दीवारों से हटाना शुरू कर दिया।
भाजपा की झालावाड़ जिला इकाई के अध्यक्ष संजय जैन ने इस प्रकरण को राजनीति का नया निचला स्तर बताया और जोर दिया कि दोनों नेता अपने क्षेत्रों के अधिकारियों और लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं और इस कठिन समय में लगातार उनके लिए काम कर रहे हैं।
जैन ने कहा कि महामारी फैलने के बाद दोनों नेता अलग-अलग डिजिटल माध्यम से अधिकारियों से बातचीत करते रहे हैं और लोगों की विभिन्न जरूरतों की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जिले में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई भी कोविड संबंधी मौत नहीं हुई है।
पिछले संसदीय चुनाव में दुष्यंत सिंह के खिलाफ उम्मीदवार और स्थानीय कांग्रेस नेता प्रमोद शर्मा ने दोनों नेताओं के खिलाफ पोस्टर अभियान को अपना समर्थन दिया और इसे स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ-साथ उनकी पार्टी के लोगों द्वारा 'जागरूकता अभियान' करार दिया। उन्होंने दावा किया कि राजे ने पिछले दो साल से अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं किया है।(भाषा)