कैदियों और जेल अधिकारियों के नाम तिनका तिनका इंडिया अवार्ड

सोमवार, 11 दिसंबर 2017 (12:00 IST)
मानवाधिकार दिवस पर रखे गए तिनका तिनका इंडिया अवार्ड दिल्ली की तिहाड़ जेल में रिलीज हुए। इस साल कैदियों और जेल कर्मचारियों के लिए तीन वर्ग थे- पेटिंग, विशेष टैलेंट और जेल अधिकारियों के लिए विशेष सम्‍मान। इस साल स्वच्छता अभियान और जेलों में बंदियों की स्थिति पर कई विशेष प्रविष्टियां आईं। इन सभी प्रविष्टियों को जेल अधिकारियों द्वारा ही भेजा जाता है। इस साल आई प्रविष्टियों में तेलंगाना, महाराष्ट्र, केरल, हैदराबाद, उड़ीसा, गुजरात, मध्‍यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, झारखंड, हरियाणा खास तौर से शामिल रहे। 
 
इस साल पेंटिंग और चित्रकारी के वर्ग में पहला पुरस्कार 73 वर्षीय भैशसिंह साहू को दिया गया है। छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल में बंदी भैश ने जेल में आ रहे बदलाव को पेंसिल से उकेरा है। इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार भी छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल के हिस्से ही आया है। यह पुरस्कार 22 वर्षीय ममता को जेल में हो रहे कामों को तस्वीर के जरिए दिखाने के लिए चुना गया है। तीसरा पुरस्कार तेलंगाना की जेल में बंदी 24 साल के गौरिश को दिया गया है। पेशे से फोटोग्राफर रहे गौरीश ने इस तस्वीर में जेल में बंद मां को निरीहता से देखते उसके बच्चों और पिता को दिखाया है।
 
विशेष पुरस्कारों की श्रेणी में जेलों ने उन बंदियों के नामांकन भेजे थे जो जेल में रहते हुए किसी भी तरह से जेल का जीवन बदल रहे हैं। इस श्रेणी में इस साल पहला पुरस्कार विनय कुमार को दिया गया है। तिहाड़ में पिछले 15 साल से आजीवन कारावास में बंद 43 साल के विनय ने नशाबंदी पर नुक्कड़ नाटकों के जरिए पूरी जेल को जोड़ने की कोशिश की है।
 
दूसरा पुरस्कार दो बंदियों में साझा किया गया है। गुजरात की जेल में बंद धवल कुमार, हरीश चंद्र त्रिवेदी और केरल की जेल से अनीष कुमार को जेल में शिक्षा और सफाई के लिए विशेष सेवाओं के लिए चुना गया है। तीसरा पुरस्कार पश्चिम बंगाल में सजा काट रही सोनी लामा को गया है। वे जेल अस्पताल में अपनी खास सेवा देती रही हैं।
 
गुजरात की सूरत जेल में बंदी 40 वर्षीय वीरेंद्र विट्ठल भाई वैष्णव को तिनका तिनका इंडिया अवार्ड में सांत्वना पुरस्कार दिया गया है। पेशे से पत्रकार और कार्टूनिस्ट विट्‍ठलभाई की किताब लाइफ बिहाइंड बार्स को इंग्लैंड  के एक प्रकाशक ने छापा है। उनकी दो कविताएं लंदन में प्रकाशित विश्व काव्य पुस्तक 2018 का हिस्सा बन रही हैं। 
 
जेल अधिकारियों और स्टाफ की श्रेणी में इस साल देश के 15 जेल अधिकारियों और स्टाफ को सम्मानित किया गया है। तेलंगाना से अकुला नरसिम्हा को जेलों में आधुनिकीकरण लाने, जल-निकासी सुधारने और बड़े स्तर पर जेलों को उत्पादकता लाने के लिए चुना गया है। तेलंगाना से ही बाचू सदाइयाह को जेलों में मुलाकात कक्षों को सुधारने, 2000 से ज्यादा पेड़ लगवाने, जेल में पैथ लैब में सुधार, पैट्रोल पंप लगवाने और विद्यादान योजना की सफलता के लिए चुना गया है। उन्होंने जेल को कर्म और मुनाफे से जोड़ा है। 
 
छत्तीसगढ़ की केंद्रीय जेल बिलासपुर के अधीक्षक शेखर टिग्गा को जेलों में किताबों के जरिए कैदियों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए इस साल तिनका तिनका अधिकारी अवॉर्ड दिया गया है। उनके प्रयासों से 2016 से जेल में पंडित माखनलाल चतुर्वेदी ग्रंथालय में 2000 से ज्यादा किताबें शामिल कर ली गई हैं। प्रिजन मिनिस्ट्री ऑफ इंडिया, बिलासपुर की मदद से दान में भी कुछ किताबें ली गईं। उन्होंने बंदियों और उनके बच्चों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए उन्हें सृजन से जोड़ा है। आज बड़ी तादाद में जेल में चित्रकारी और लेखन का काम होता है। 
 
तिहाड़ जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट अजय भाटिया ने जेल में 100 से ज्यादा मामलों की देख-रेख की है और गरीब बंदियों को कानूनी मदद दिलाई है। वे कैदियों की शिक्षा को लेकर प्रयासरत हैं। तिहाड़ की खुली जेल में हर्बल पार्क तैयार करने का श्रेय भी उन्हें जाता है। इसी कड़ी में तिहाड़ से नीतू चुघ को बंदियों के लिए वोकेशनल कोर्स में विशेष मदद देने और राजेंद्र कुमार को सृजनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के लिए सम्मानित किया गया है।
 
केरल के अधिकारी थोमस ओ जे ने बंदियों की शिक्षा और उन्हें कानूनी सलाह देते हुए जेल के माहौल में बदलाव लाने का प्रयास किया है। महाराष्ट्र से विक्रांत कारभारी कुटे और तेजश्री बाजीराव पवार को संगीत और कला की गहनता से जोड़कर बंदियों को सकारात्मक बनाने के प्रयास के लिए चयनित किया गया है। विक्रांत ने गाने से और तेजश्री ने तबले के अपने हुनर से बंदियों को संगीत के जरिए बदलाव की प्रेरणा दी है।
 
गुजरात से डीएम गोहेल का नाम जेल सुधार के कामों की वजह से चुना गया। उत्तर प्रदेश के एक जेल अधिकारी मोहम्मद अकरम खान ने जेल में सर्वधर्म समभाव की मिसाल कायम की है। उन्होंने नोएडा की जेल में उप्र का पहला स्टडी सेंटर भी बनवाया।
 
मध्‍यप्रदेश की उपजेल करेरा में सहायक जेल अधीक्षक दिलीप नायक ने बंदियों को योग एवं प्राणायाम से जोडा है और विभागीय मदद से बंदियों के लिए अलग मुलाकात कक्ष को बनवाया है। 
 
यह सम्मान तिहाड़ के पुलिस महानिदेशक अजय कश्यप ने तिहाड़ के जेल नंबर 1 में रिलीज किए। कार्यक्रम का संचालन पीपली लाइव के सहायक निर्देशक महमूद फारूखी ने किया। वह अभी कुछ दिन पहले ही तिहाड़ से रिहा हुआ है। कार्यक्रम में बंदियों ने तिहाड़ का गाना – तिनका तिनका तिहाड़- भी गाया। इसे वर्तिका नन्दा ने ही लिखा और निर्दशित किया है और इसे 2015 में लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने रिलीज किया था।

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