लखनऊ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर उत्तरप्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां उफान पर हैं। सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा बुधवार को बुलाए गए 36 घंटों के राज्य विधानसभा के विशेष सत्र का प्रमुख विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है जबकि कांग्रेस शाहजहांपुर की बेटी को न्याय दिलाने के बहाने मौन पदयात्रा का आयोजन कर अपनी खोई राजनीतिक जमीन मजबूत करने की फिराक में है।
आदित्यनाथ का विपक्ष पर आरोप : विपक्ष की गैरमौजूदगी में विधान मंडल का विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास के मुद्दे पर चर्चा करने पर विपक्ष का पीछे कदम खींचना राष्ट्रपिता का अपमान है। बापू के नाम पर सत्ता पाने वाले राष्ट्रपिता के सिद्धांतों को भूल गए हैं और उनका सरासर अपमान कर रहे हैं। गरीबों के हक पर डकैती डालने वाले लोग आज चर्चा से भाग रहे हैं। गांधीजी ने जिन आदर्शों और मूल्यों को सबके सामने रखा, आज कांग्रेस उसका ही बहिष्कार कर रही है। विपक्षी दलों ने विकास से मुंह मोड़ा है इसीलिए जनता भी उनका साथ नहीं दे रही है।
प्रियंका ने पदयात्रा में लिया भाग : उधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शाहजहांपुर में बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लखनऊ पहुंचीं और मौन पदयात्रा में भाग लिया। इससे पहले चिन्मयानंद प्रकरण को लेकर कांग्रेस के शाहजहांपुर से लखनऊ तक के मार्च को अनुमति नहीं दी गई थी जिसके बाद पार्टी ने बदली रणनीति के तहत 2 अक्टूबर को लखनऊ में पदयात्रा निकालने का ऐलान किया था।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूर्वी उत्तरप्रदेश की महासचिव के बुधवार को लखनऊ में ठहरने का कार्यक्रम संभावित है हालांकि इस बारे में पक्की सूचना नहीं है। प्रियंका पदयात्रा के बाद पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं और नेताओं के संग बैठक कर सकती हैं। शहीद स्मारक से शुरू हुए मौन जुलूस में प्रियंका के साथ बड़ी तादाद में कांग्रेसियों ने हिस्सा लिया। पदयात्रा जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर समाप्त होगी। कांग्रेस ने इसे आक्रोश पदयात्रा का नाम दिया है।
अखिलेश यादव का भाजपा पर आरोप : वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि प्रदेश और देश की खुशहाली तभी हो सकती है, जब हम बापू के सिद्धांतों पर चलेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उस पार्टी की विचारधारा के लोग कभी महात्मा गांधी के आदर्शों पर नहीं चले। भाजपा का महात्मा गांधी के आदर्शों से कुछ लेना-देना नहीं है। भाजपा सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रपिता के नाम का इस्तेमाल कर रही है।