अधिकांश ग्रामीण अपने आशियाने को छोड़कर जाना नहीं चाहते। जिन्हें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, पीएसी, पुलिस और गोताखोर जवान राहत सामग्री पहुंचाने के लिए मोटरबोट, नाव, स्टीमर एवं अन्य संसाधनों से राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।
कई गांव में दूषित जलभराव से जलजनित रोगों का प्रकोप भी फैल रहा है। मवेशियों को चारे का संकट पैदा हो गया है। जल भराव के कारण कई प्राथमिक विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य प्रभावित है। गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कटने के कारण ग्रामीणों को रोजी-रोटी का संकट है। आपदा प्रबंधन के अनुसार, बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य के साथ बांधों की मरम्मत जारी है। (वार्ता)