गठबंधन की बातों से हतोत्साहित होता है हमारा कार्यकर्ता : राज बब्बर

सोमवार, 5 दिसंबर 2016 (12:32 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा सपा और कांग्रेस के गठबंधन को आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी कामयाबी का रास्ता बताए जाने को लेकर अटकलें तेज होने के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने सोमवार को कहा कि पार्टी राज्य में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और उन्होंने इस तरह की अटकलों को अनुमान पर आधारित बताया।

 
इसके साथ ही बब्बर ने कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व ने गठजोड़ को लेकर उनसे कोई बात नहीं की है, ऐसे में गठबंधन की बातों से पार्टी कार्यकर्ता भ्रमित और हतोत्साहित होता है।
 
बब्बर ने साक्षात्कार में अखिलेश के बयान के मद्देनजर सपा से गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि गठबंधन के विषय में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है और न ही मेरी पार्टी ने मुझसे ऐसी कोई संभावना तलाशने को कहा है। ये सब बातें सिर्फ अनुमानों पर आधारित हैं। बहरहाल, इन बातों से हमारा कार्यकर्ता हतोत्साहित होता है।
 उन्होंने दबे लहजे में कहा कि ऐसी बातों से हमारे कार्यकर्ता के मन में भ्रम पैदा हो रहा है। जैसा अखिलेशजी कहते हैं कि गठबंधन पर फैसला नेताजी (सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव) करेंगे, उसी तरह हम भी इस मामले को पार्टी नेतृत्व पर छोड़ते हैं। फिलहाल हम अपने बलबूते चुनाव लड़ रहे हैं।
 
मालूम हो कि अखिलेश ने पिछले हफ्ते कहा था कि हालांकि उनकी पार्टी सिर्फ अपने बूते पर बहुमत पा लेने में सक्षम है लेकिन फिर भी अगर कांग्रेस और सपा एकसाथ आ जाएं तो उत्तरप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को कुल 403 में से 300 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। अखिलेश इससे पहले भी कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं।
 
कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा पिछले महीने कई बार सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश से लंबी बैठकें किए जाने के बाद सपा और कांग्रेस के गठबंधन की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था, हालांकि बाद में सपा मुखिया ने यह कहकर अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की थी कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
 
बब्बर ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने पार्टी जिलाध्यक्षों से संभावित प्रत्याशियों की सूची दोबारा मंगवाई है। इस महीने के आखिर तक पहली सूची आने की संभावना है।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की किसान यात्रा, 27 साल यूपी बेहाल यात्रा और राहुल संदेश यात्रा का जनता पर असर हुआ है और लोगों का पार्टी में विश्वास बढ़ा है। कांग्रेस को जो लोग नगण्य मानते थे, वे आजउसकी चर्चा कर रहे हैं तथा राहुल संसद सत्र की समाप्ति के बाद एक बार फिर प्रदेश में सक्रिय होंगे और वे पार्टी के हर प्रमुख कार्यक्रम में शामिल होंगे।
 
विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान की जोरदार शुरुआत के बाद उसके धीमा पड़ने के कारण के बारे में उन्होंने बताया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई प्रमुख नेता उत्तरप्रदेश से हैं। ऐसे में नोटबंदी तथा अन्य तमाम महत्वपूर्ण मामलों पर केंद्र को घेरने के लिए इन नेताओं को संसद सत्र पर ज्यादा ध्यान लगाना था इसलिए प्रदेश में प्रचार अभियान पर कुछ असर पड़ा, लेकिन अब यह फिर जोर पकड़ेगा।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'प्लास्टिक मनी' और नकदीरहित लेन-देन पर जोर दिए जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि 90 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र वाले भारत में ऐसा हो पाना असंभव है तथा नोटबंदी से देश का हर आम नागरिक परेशान है और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। (भाषा)

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