राजस्थान में टीचर भर्ती को लेकर बवाल, हिंसा में गई 2 लोगों जान
सोमवार, 28 सितम्बर 2020 (07:45 IST)
(file photo)
जयपुर। राजस्थान के डूंगरपुर में सरकारी स्कूल के शिक्षकों की भर्ती को लेकर आदिवासियों के 4 दिनों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के में 2 लोगों की मौत हो गई है और एक अन्य घायल हो गया है। गुरुवार को यह हिंसा उस समय शुरू हुई थी जब 2018 के पात्रता परीक्षा के उम्मीदवारों ने उदयपुर-अहमदाबाद राजमार्ग जाम कर दिया, पुलिस पर पत्थर फेंके और उनके वाहनों को आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस के मुताबिक हिंसा ने उन्हें ओपन फायर करने के लिए मजबूर किया।
प्रदर्शनकारियों से चर्चा के बाद खुला राजमार्ग : राजस्थान के हिंसा प्रभावित डूंगरपुर जिले में रविवार को प्रर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल और जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच हुई सकारात्मक बैठक के बाद तनावग्रस्त क्षेत्र में स्थिति में सुधार हुआ और उदयपुर—अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग आवागमन के लिए खोल दिया गया।
उदयपुर रेंज की पुलिस महानिरीक्षक बिनीता ठाकुर ने बताया कि कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण है। डूंगरपुर में राजमार्ग को आवागमन के लिए खोल दिया गया है। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने बताया कि 'हमने प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोकने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
पुलिस ने किया बल का प्रयोग : पुलिस ने बताया कि शनिवार की शाम उपद्रवियों द्वारा की जा रही हिंसक घटनाओं में जानमाल की रक्षा के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा एवं गोलियां चलानी पड़ी थी। इसमें 2 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई एवं 2 व्यक्ति घायल हो गए। घायल दोनों व्यक्तियों की स्थिति खतरे से बाहर है। उन्होंने बताया कि हालांकि ऋषभदेव में कुछ लोग ने पहाडों पर चढ़कर पथराव किया। इसी तरह की घटना झाडोल में भी हुई है।
राज्य सरकार की स्थिति पर नजर : बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने शनिवार रात पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन और जयपुर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव को डूंगरपुर भेजा था। शांति बहाल करने के लिए रविवार को दिनेश एमएन और अन्य अधिकारियों ने भी राजमार्ग पर मार्च किया। स्थिति अब शांतिपूर्ण है। रविवार को कोई हिंसा नहीं हुई है। जयपुर में पुलिस महानिदेशक ने स्थिति की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से फीडबैक लिया।
24 प्रकरण किए दर्ज : पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि डूंगरपुर जिले में उपद्रवियों द्वारा की गई हिंसक घटनाओं के मामलों में 24 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल एवं त्वरित कार्यबल तैनात किए गए हैं। सिंह ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा की गई हिंसा के सिलसिले में उदयपुर एवं डूंगरपुर जिलों में कुल 24 मामले दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि स्थिति पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। क्षेत्र में त्वरित कार्यबल की 2 कंपनियां एवं आरएसी की 6 कंपनियां भी तैनात की गई हैं।
वाहनों को लगाई थी आग : पुलिस नियंत्रण कक्ष ने बताया कि डूंगरपुर राजमार्ग को बंद करने लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए पत्थर और अन्य अवरोधकों को हटाया जा रहा है ताकि आवागमन का संचालन सुचारू रूप से हो सके। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के 20 किलोमीटर तक कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पत्थर और बडे अवरोधकों को लगाकर आवागमन बंद कर दिया था। उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने बताया कि राजमार्ग पर आज से यातायात शुरू हो जाएगा। रविवार को सकारात्मक बैठक के बाद हम लोगों ने राजमार्ग तक पैदल मार्च किया और स्थिति की समीक्षा की। अब डूंगरपुर में स्थिति नियंत्रण में है।
खाली सीटों पर एसटी से भरे जाने की मांग को लेकर बवाल : प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि 1,167 खाली सामान्य कोटे की सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी से भरी जाए। अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) से जुडी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवा गुरुवार शाम को उग्र हो गए।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर पथराव किया और पुलिस वाहनों सहित 25 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। शुक्रवार को हिंसा के दौरान डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर पथराव किया और कुछ बसों को आग लगा दी थी। एक पेट्रोल पंप पर लूटपाट भी की गई थी। (इनपुट भाषा)