फोरम के संयोजक प्रदीप शर्मा ने बताया कि मणिपुर में वर्षों से दूसरे प्रांत के लोग रह रहे हैं जिनका स्थानीय लोगों से बहुत तालमेल है, लेकिन अब उन्हें इनर लाइन परमिट सिस्टम लागू होने के बाद मणिपुर में जाने का परमिट लेना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अपने ही देश में अपने ही नागरिकों से यह भेदभाव देश की एकता अखंडता को और नुकसान पहुंचाएगा।
शर्मा ने कहा कि मणिपुर में रहने वाले गैरस्थानीय भारतीय नागरिकों को इस नए नियम से प्रताड़ित किया जा रहा है तथा पर्यटक परमिट लेने के लिए बाध्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि नागरिकता का मामला केंद्र से जुड़ा हुआ है लेकिन अब मणिपुर में मामला उल्टा हो गया है। केंद्र सरकार भी देश में सभी के लिए एक कानून बनाने के पक्ष में है लेकिन मणिपुर में यह भेदभाव देखा जा रहा है।