मथुरा। कृष्ण नगरी मथुरा से हैरत में डालने वाली खबर सामने आ रही है, क्योंकि यहां के चूहे अब नशेड़ी हो गए हैं। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि मथुरा पुलिस ने यह बात एडीजे सप्तम न्यायालय में कही है। मालखाने में रखा 60 लाख रुपए का 581 किलो गांजा चूहे गटक गए हैं।
सन् 2018 में शेरगढ़ और हाईवे थाना पुलिस ने 386 और 195 गांजे के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साक्ष्य के तौर पर गांजे के सैंपल कोर्ट में पेश किए गए थे। केस अब ट्रॉयल पर आ गया है जिसके चलते एडीजे 7 संजय चौधरी ने दोनों थाना प्रभारियों को आदेश दिए कि गांजे के सील पैकेट के साथ न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएं।
न्यायालय के इस आदेश पर मथुरा पुलिस ने जवाब दिया है कि मालखाने में रखा 581 किलो गांजा चूहे खा गए हैं और बचा हुआ गांजा नष्ट कर दिया गया जिसके चलते गांजा कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। लगभग 60 लाख रुपए का गांजा चूहे डकार गए, यह सुनकर न्यायाधीश भी दंग रह गए। वहीं पुलिस के इस कारनामे की चर्चा अब दूरदराज तक सुर्खियों में छाई हुई है। न्यायालय ने अब दोनों थाना प्रभारियों को 26 नवंबर तक गांजा खाने के सबूत कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा है। वहीं न्यायालय ने मथुरा एसएसपी को थाने के मालखाने में रखे साक्ष्यों और सामान के बचाव के निर्देश दिए हैं।
थाना पुलिस के इस खेल ने पुलिस कार्यशैली को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। अभी तक ऐसी खबरें सुर्खियों में रहती थीं कि मालखाने में रखा माल बदल गया है या चोरी हो गया। लेकिन चूहे नशेड़ी हो गए और इतनी बड़ी मात्रा में गांजा गटक गए, यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है।
अब देखना होगा कि शेरगढ़ थाना और हाईवे थाना प्रभारी 26 नवबंर को न्यायालय में क्या साक्ष्य प्रस्तुत कर पाएंगे कि चूहे ने गांजा खाया है? भले ही दबे स्वर में मीडिया के सामने थाना प्रभारी चूहों पर गायब गांजे का दोष रखें या दलील दें कि बारिश से गांजा खराब हो गया है। यदि ऐसा हुआ भी था तो सक्षम अधिकारी को थाना प्रभारियों ने अवगत क्यों नही कराया गया? वहीं पुलिस पर उंगलियां उठ रही हैं और उच्चाधिकारियों ने इस प्रकरण पर चुप्पी साध ली है।