बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान (आईवीआरआई) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने संस्थान पर कसाइयों को गाय बेचने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। वैज्ञानिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पीएमओ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
योगी आदित्यनाथ द्वारा गायों की तस्करी और अवैध बूचड़खानों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देशों के बीच भोजराज सिंह नामक वैज्ञानिक ने आईवीआरआई पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘2011 से 2014 के दौरान नीलाम हुईं 259 गायों में से 186 (71.8 प्रतिशत) को अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा खरीदा गया।
आईवीआरआई में महामारी विज्ञान विभाग के हेड भोजराज सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘आईवीआरआई में 74 भारतीय थारपारकर नस्ल की गायों की नीलामी हुई, जिसमें से 59 को मुस्लिमों ने खरीदा। इसमें से 51 गायों को अल्पसंख्यक समुदाय के जिन लोगों को बेचा गया, उनमें से 44 कसाई के पेशे से जुड़े हैं जबकि 7 जानवरों की खरीद-फरोख्त में। केवल कुछ ही डेयरी से जुड़े हैं।’
सिंह ने बताया कि यह सारी जानकारी उन्हें सूचना के अधिकार के तहत हासिल हुईं। वहीं आईवीआरआई के निदेशक आर के सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जानवरों की सार्वजनिक नीलामी के लिए हम भारत सरकार की दिशा-निर्देशों का अनुसरण करते हैं। यह तरीका पारदर्शी और सुव्यवस्थित है। किसी भी बीमार जानवर की नीलामी नहीं की जाती। अनुत्पादक जानवरों को नियमों के अनुसार ही छांटा जाता है। नीलामी के दौरान जानवर को सबसे अधिक बोली लगाने वाले को दे दिया जाता है। इसमें उसका जाति या धर्म नहीं देखा जाता है। हम खरीदारों को लिखित में देने के लिए कहते हैं कि वे जानवरों को ध्यान से रखेंगे।