यहां मौसम विभाग ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, खासतौर पर नैनीताल, उधमसिंह नगर और चम्पावत जिलों में। उत्तराखंड के लिए अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं। यह राज्य 3 साल पहले आई बाढ़ से तबाह हो गया था जिसमें 6,000 लोग मारे गए थे।
रविशंकर ने कहा कि बड़े इलाके पर बादल फटने के बाद पहाड़ों से टनों मलबा नीचे आकर गिरा और यह पता लगाना मुश्किल है कि लापता लोग कहां फंसे हैं। मानसून पूर्व की बारिश शुक्रवार अहले सुबह उत्तराखंड पर कहर बनकर टूटी और पिथौरागढ़ तथा चमोली जिलों में बादल फटने की श्रृंखला में कई घर चपेट में आ गए जिसमें 12 लोग मारे गए और 17 अन्य मलबे में फंस गए। फंसे लोगों के बचने की उम्मीद कम है।
रविशंकर ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, डीएमएम और पुलिसकर्मी प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की निगरानी में बचाव अभियान चला रहे हैं। (भाषा)