बुंदेली समाज संगठन के समन्यवक तारा पाटकर ने बताया कि हम लोगों ने तय किया है कि शहर के उदल चौक पर लगभग 60 लोग मिलकर, जिसमें 25 हिन्दू शामिल हैं, सुबह की सहरी और दिनभर रोजे के बाद शाम को इफ्तार आयोजित करेंगे।
उन्होंने बताया कि यह आयोजन करने से जहां एक तरफ पूरे मुल्क में हिन्दू-मुस्लिम के बीच एक मजबूत सद्भाव का संदेश जाएगा, वहीं दूसरी तरफ बुंदेलखंड के केंद्र में बसे महोबा जिले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले जाने की काफी दिनों से चली आ रही मांग को लेकर भी प्रभावी दबाव बनाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि 21 जून को हो रहे अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर जहां देश में योग को लेकर ओछी राजनीति हो रही है, वहीं हमारे संगठन ने शुक्रवार से शुरू होने वाले संयुक्त रोजा कार्यक्रम में सभी दलों के नेताओं को इसमें विशेष रूप से आमंत्रित किया है ताकि वह हमारे एकता के संदेश को समझ सकें और एम्स खोले जाने के मामले में भी प्रभावी भूमिका अदा करें। (भाषा)