जम्मू कश्मीर में 8वीं बार राज्यपाल शासन, मलिक ने शपथ ली

सुरेश एस डुग्गर

गुरुवार, 23 अगस्त 2018 (20:25 IST)
श्रीनगर। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जबकि राज्य में गर्वनर रूल चल रहा है। वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है कि जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ हो बल्कि यह लगातार 8वीं बार है कि राज्य गवर्नर रूल के दौर से गुजर रही है।
 
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के संविधान के सेक्शन 92 के मुताबिक, राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के बाद भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी से 6 महीने के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है। राज्यपाल शासन के दौरान या तो विधानसभा को निलंबित कर दिया जाता है या उसे भंग कर दिया जाता है।
 
राज्यपाल शासन लगने के 6 महीने के भीतर अगर राज्य में संवैधानिक तंत्र दोबारा बहाल नहीं हो पाता है तो भारत के संविधान की धारा 356 के तहत जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के समय को बढ़ा दिया जाता है और यह राष्ट्रपति शासन में तब्दील हो जाता है। मौजूदा परिस्थिति को मिलाकर अब तक जम्मू-कश्मीर में 8 बार राज्यपाल शासन लगाया जा चुका है।
 
वोहरा के कार्यकाल में 4 बार : तत्कालीन गवर्नर एनएन वोहरा के कार्यकाल में यह चौथी बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगा था। यह एक रिकॉर्ड है। एनएन वोहरा सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं जम्मू कश्मीर राज्य के तत्कालीन राज्यपाल थे।
 
82 वर्षीय वोहरा ने 28 जून 2008 को राज्य के गवर्नर का पदभार संभाला था और वे इस पद पर 10 साल 2 महीने रहे हैं। वे ऐसे पहले राज्यपाल थे जो इतने अरसे तक टिके रहे थे। उन्होंने यह पदभार 2008 में पूर्ववर्ती राज्यपाल एसके सिन्हा से ग्रहण किया था। 
 
बदले चार मुख्‍यमंत्री : वोहरा के कार्यकाल के दौरान गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला, मुफ्ती मुहम्मद सईद तथा महबूबा मुफ्ती (वर्तमान) के रूप में जम्मू कश्मीर में चार मुख्यमंत्री बदल चुके थे। वोहरा के कार्यकाल में पहली बार और जम्मू कश्मीर में पांचवीं बार राज्यपाल शासन उस समय लगा था जब 28 जून 2008 को पीडीपी ने अमरनाथ भूमि मुद्दे पर कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया गया और गुलाम नबी आजाद सरकार अल्पमत में आ गई।
 
सत्यपाल मलिक ने शपथ ली : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35-ए के नाम के उठ रहे बबंडर के बीच जम्मू कश्मीर की कमान सत्यपाल मलिक ने संभाल ली है। वे जम्मू कश्मीर के 13वें राज्यपाल बने हैं। तकरीबन 51 सालों के बाद वे ऐसे राजनीतिक व्यक्ति हैं जिन्हें 70 सालों से उलझी कश्मीर समस्या को सुलझाने की खातिर कश्मीर में गवर्नर का पद सौंपा गया है।
 
सत्यपाल मलिक ने वीरवार को राज्य के 13वें राज्यपाल के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। उन्हें राज्य की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने राजभवन में आयोजित एक भावपूर्ण समारोह में शपथ दिलाई। जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनने से पहले सत्यपाल मलिक बिहार के राज्यपाल थे।

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